सोमवार, 8 अप्रैल 2013

अरे भाई बाँध नहीं रहेगा तो बिजली कैसे बनेगी और बिजली नहीं मिलेगी तो मिसिर जी का वातानुकूलक यंत्र कैसे चलेगा ,,,,मिसिर जी तपाक से बोले ,,तोके सेती क मिसिरे जी मिलल हुवे हर जगह घसीटे खातीं ,,,चलल हौवा बोले बीस तीस परसेंट पनिया छोड़ी जाई त  ओसे का होई ,,,,इ जग जाहिर हाउ की नदी क अस्तित्व बहले से हाउ ,,पानी रुकी त सडबे करी अ जब उ सडलाका पानी क कुछ हिस्सा छोडल जाई त और चौपट होई,,,,शुकुल जी टपाक से बोले माने तूं एसी क मोह तियागे बड़े तैयार न हौवा ,,,सही जगह बाते नहीं होत  हव ,,,सब गोल गोल घुमावत हौ खली ,,,,देखा जब जब कौनो व्यवस्था क एके एके जगह गोलियावल जाई त इ समस्या आई ,,,अरे हर शहरिये में त बिजली बनत रहल ,,सब अपने काम भर के बिजली बनाय्ले और जरुरत परले पर आस पास के भी सप्लाई हो जाय ,बढ़र इनवर्सिटी अपने काम भरके बिजिलिया खुदे बनावे ,,,कौनो आध बाध  क जरुरत न हाउ ,,,हर शहर फिर से बिजली बनावे शुरू करे शहर के सीवर के पानी क उम्मे उपयोग करे ,नदियों साफ रही औ कौनो दिक्कत न आई ,,,,हाँ लुटाई न हो पायी ,,,मिसिर जी क्यों चुप रहे ,,अरे यार इ कुल पखंदिया मिलके नाश कर दिहे ,,,,पर इ जान ल ,,,की नाद नद्दी क पैसा जे खाई ,,उ गौ मॉस खाई ,,,अ फिर ऐसन ओक्काई  की शहर भर बस्साई ,,,,,,,,,,