कांग्रेस प्रवक्ता मोहन प्रकाश ने राहुल गाँधी की तुलना जयप्रकाश नारायण से कर डाली तो कलाम की तुलना पं जवाहर लाल नेहरु से करना कितना बचकाना विषय है ,उनके जैसे नेता से ऐसी उम्मीद नहीं क्योंकि कोई किसी की तरह कत्तई नहीं हो सकता ,उससे बेहतर हो सकता है ,उससे ख़राब हो सकता है। वैसे आज के राजनैतिक परिवेश में कुछ भी गलत नहीं रहा। आन्दोलन और कमर तोड़ म्हणत जयप्रकाश की पहचान थी वो खानदानी बड़ा होने के नाते वह तक का सफ़र तय नहीं किये। जबकि राजीव गाँधी और सोनिया गाँधी के पुत्र होने के अलावा और कोई योग्यता राहुल जी में अभी तक तो नहीं दिखी। इसलिए ऐसे बयानों से बाज आयें ।
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