महामना फिर आ जाओ........
महामना आपने इतनी समृद्ध सर्व विद्या की राजधानी दी ,,,,आपने समाज के अंतिम व्यक्ति की पीड़ा को जिया,,,,इसके कारणों को समझा और गुलाम भारत को एक आजाद शिक्षा मंदिर दिया ,,,,,,,अविरल ,अनोखा ,,अद्धितीय ,इस तरह का दूजा कोई नहीं ,,एक मात्र दुनिया का ऐसा दुर्लभ संस्थान जहाँ क्या राजा क्या फ़कीर सबके बराबर योगदान ,,और बराबर अधिकार । इस पर आंच आती है ,वो आदर्श डिगता हुआ दिखता है तो बनारस ही नहीं पूरे देश का नौजवान आज भी आंदोलित हो जाता है ,,फर्क बस इतना है कि आप अपने लाडलों की तकलीफों को सुनते थे लेकिन आज यहाँ के नुमाइंदों के कान महज दूकान बन कर रह गए हैं ।
महामना आप फिर से आ जाइए । आपकी छड़ी की सख्त जरुरत है । विश्वास कीजिये कुछ भी वैसा नहीं रहा जैसा अपने सोंचा था या करने को मार्ग प्रशस्त किया था । हर तरफ अनाचार व्यभिचार और भ्रष्टाचार के पुष्पित पल्लवित बरगद लहलहा रहे है । हर कोई उसकी छाँव पाने को कतारबद्ध है । समाज के अंतिम व्यक्ति तक शिक्षा और सहज स्वास्थ्य उपलब्ध कराने का महान सपना धरासाई हो चूका है । अस्पताल में चिकित्सक मरीजों से ऐसे बर्ताव करते है मानों उनको देखने में वो एहसान कर रहे हो । सेवाभाव की तो बात ही छोड़ दीजिये । लूट पात का वो भयंकर अड्डा बना हुआ है ,वो भयंकर अड्डा बना हुआ है कि आप के चक्रमण की सख्त जरुरत है । यहाँ कभी नवजात को बिल्ली चबा जाती है तो कही किडनी निकालने और डालने में डोनर और रिसीवर दोनों को सुरधाम पंहुचा दिया जा रहा है । अँधा बनाने की तो मानों फैक्ट्री खुल गयी है । नकली दवाओं को बेचने के लिए यहाँ से बेहतर कोई मंडी ही नहीं है । खून के जगह पर रंग तक बेच देते हैं । आप अब तो आ जाओ ।
यहाँ अब आपके इतिहास में भी कम ही आस्था रह गया है । रोज नए भूगोल लिखे जा रहे हैं । रिश्वतखोरी अट्टहास कर रही है । छात्र छात्राओं के शारीरिक मानसिक उत्पीड़न की एक लम्बी फेहरिस्त है ,,मैं जानता हूँ ये आपको रुला देगी ,,लेकिन आप ऐसे नहीं छोड़ सकते आपको आना होगा । आपका सर्वधर्म आदर्श औधेमुंह घिघिया रहा है । आपका हिन्दू जितना व्यापक और समृद्ध था ,,इनका हिन्दू उतना ही छुद्र और दरिद्र है ।
आपकी छड़ी ने गोरे अंग्रेजों का हाड़ कपा दिया ,,तो इन कालों में क्या रखा है ।
याद तो आपको रोज करते हैं ,,आज याचना और आराधना कर रहे हैं । आपके छड़ी की सख्त जरुरत आ गयी है ।
महामना आपने इतनी समृद्ध सर्व विद्या की राजधानी दी ,,,,आपने समाज के अंतिम व्यक्ति की पीड़ा को जिया,,,,इसके कारणों को समझा और गुलाम भारत को एक आजाद शिक्षा मंदिर दिया ,,,,,,,अविरल ,अनोखा ,,अद्धितीय ,इस तरह का दूजा कोई नहीं ,,एक मात्र दुनिया का ऐसा दुर्लभ संस्थान जहाँ क्या राजा क्या फ़कीर सबके बराबर योगदान ,,और बराबर अधिकार । इस पर आंच आती है ,वो आदर्श डिगता हुआ दिखता है तो बनारस ही नहीं पूरे देश का नौजवान आज भी आंदोलित हो जाता है ,,फर्क बस इतना है कि आप अपने लाडलों की तकलीफों को सुनते थे लेकिन आज यहाँ के नुमाइंदों के कान महज दूकान बन कर रह गए हैं ।
महामना आप फिर से आ जाइए । आपकी छड़ी की सख्त जरुरत है । विश्वास कीजिये कुछ भी वैसा नहीं रहा जैसा अपने सोंचा था या करने को मार्ग प्रशस्त किया था । हर तरफ अनाचार व्यभिचार और भ्रष्टाचार के पुष्पित पल्लवित बरगद लहलहा रहे है । हर कोई उसकी छाँव पाने को कतारबद्ध है । समाज के अंतिम व्यक्ति तक शिक्षा और सहज स्वास्थ्य उपलब्ध कराने का महान सपना धरासाई हो चूका है । अस्पताल में चिकित्सक मरीजों से ऐसे बर्ताव करते है मानों उनको देखने में वो एहसान कर रहे हो । सेवाभाव की तो बात ही छोड़ दीजिये । लूट पात का वो भयंकर अड्डा बना हुआ है ,वो भयंकर अड्डा बना हुआ है कि आप के चक्रमण की सख्त जरुरत है । यहाँ कभी नवजात को बिल्ली चबा जाती है तो कही किडनी निकालने और डालने में डोनर और रिसीवर दोनों को सुरधाम पंहुचा दिया जा रहा है । अँधा बनाने की तो मानों फैक्ट्री खुल गयी है । नकली दवाओं को बेचने के लिए यहाँ से बेहतर कोई मंडी ही नहीं है । खून के जगह पर रंग तक बेच देते हैं । आप अब तो आ जाओ ।
यहाँ अब आपके इतिहास में भी कम ही आस्था रह गया है । रोज नए भूगोल लिखे जा रहे हैं । रिश्वतखोरी अट्टहास कर रही है । छात्र छात्राओं के शारीरिक मानसिक उत्पीड़न की एक लम्बी फेहरिस्त है ,,मैं जानता हूँ ये आपको रुला देगी ,,लेकिन आप ऐसे नहीं छोड़ सकते आपको आना होगा । आपका सर्वधर्म आदर्श औधेमुंह घिघिया रहा है । आपका हिन्दू जितना व्यापक और समृद्ध था ,,इनका हिन्दू उतना ही छुद्र और दरिद्र है ।
आपकी छड़ी ने गोरे अंग्रेजों का हाड़ कपा दिया ,,तो इन कालों में क्या रखा है ।
याद तो आपको रोज करते हैं ,,आज याचना और आराधना कर रहे हैं । आपके छड़ी की सख्त जरुरत आ गयी है ।
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