आप भी बड़े भुलक्कड़ हो साहब ---इतना लोहा इतना लोहा जुटाया ,इतना लोहा जुटाया कि लोहटिया फेल ,,,पता चलिए गया कि पटेल जी थे लौह पुरुष ,,,,वैसे भी माल जुटाने की कला में निपुणता तो आप सरजू तीरवें से सीख लिए थे । जनता फेफिया के करियवा पैसवा तलाश रही है अबहूँ न आये बालम टाइप में अब तब निहारे जा रही है ,,,फेक्कन गुरु त अपने आजी के तेरही के लिए डीजे भी तय कर लिए थे ,,जो देश के एक एक आदमी को मोटी रकमवा आप देने को कहे थे ,,बड़े बुरे फसे है ,,न अजिये मर रही हैं ,न मोटका पइसवे मिल रहा है ,,,,सच में बड़े भुलक्कड़ हैं जी ,,अभी कल तक ऐसे घिघिया रहे थे जैसे नेताजी को कुश्ती में जीते कोई पहलवान की तरह अबहिहे हाथ पकडे लेके आ जाएंगे ,,,खैर आपसे कोई गिला शिकवा नहीं ,,,,,,,,,मेरा एक मित्र है जो नींद में भी दौड़ लेता है ।
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