देश की बदलती शक्ल
आज हम जाने अनजाने में एक ऐसे भारत की नीव स्थापित कर रहे है जहाँ रहने वालों के पास देश तो है पर परदेश की बात किया करते हैं/कभी तेलंगाना तो कभी पूर्वांचल तो कभी बुंदेलखंड जैसे जलाते मुद्दे की जलाके जलाने का काम इनकी फितरत में है आज इस पर एक बौध्हिक बहस छेड़ने की जरूरत है न की राजनैतिक स्वार्थ में इसको हवा देने की/
अगर हम बीते दिनों को देखे तो इतिहास साक्षी है की बटवारा हमारे विनाश का का कारन रहा है/बिहार बता झारखण्ड बना .मध्यप्रदेश बना छत्तीसगढ़ बना ,क्या लोग वहां भूखों मरना छोढ़ दिए /जी नहीं समस्या जहाँ की तहां है/ बंटवारा साड़ों से हमारी कम जोरी रही है /
मांग हमेशा मांग होती है ये न कभी पूरी होती है न ही कभी अधूरी होती है /आज देश बेकारी ,भूखमरी।, गरीबी जैसी जन समस्याओं से जोझता हुआ तड़प रहा है/क्या नया राज्य बना देना आम जनता चाहती है टी नहीं/चाहते कौन है जो आज के रानीतिक गलियारे में खुद को फिट नहीं कर प् रहे है और नै आवाज को हवा देकर अपने को सत्तासीन करना चाहते है/घुरहू जिसकी बेटी ब्याहनी हो मटरू जिसको बच्चे का इलाज करना हो,मंगरू जिसकोबप की तेरही करनी हो उसको क्या लेना देना देश और परदेश से,उसे तो चीनी की कीमत सताए जा रही है/
अतः मंगनेवाल्व सच मानिये विचित्र मती के बने होते हैं जो कभी संतुस्ट नहीं होते हैं अंतर इतना ही है की आज नया प्रदेश मांग रहे है कल यह दलील देते हुए की बंगलादेश की जनसंख तो उत्तरप्रदेश से भी कम है अतः हमे नया देश के रूप में स्थापित कर दीजिये की मांग का जुलूस लेकर सड़को पे दौड़ निकलेंगे /
ganesh shankar chaturvedi
bantwara winash ka dyotak hai ise roken
जवाब देंहटाएंdesh bachao deshwasion
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