अरविन्द केजरीवाल बनने चले आम
अरविन्द केजरीवाल ने नयी पार्टी को ,,आम ,,नाम दिया ।राम मनोहर गाँधी आम आदमी बने थे जो की सच में आम नहीं अनार थे ।फिर भी आम आदमी ने उन्हें नहीं स्वीकारा ।बनारस के विधानसभा चुनाव में भी एक प्रत्याशी को हम आम आदमी के करीब कहने की जुर्रत करते है ,कारन सबसे अधिक सभाए ,सबसे अधिक गोष्ठियां,और इतना कम खर्च की आम आदमी भी चुनाव लड़ने का मन बना सके।वो बात दीगर है कि सब कुछ अच्छा होने के बावजूद आम आदमी की स्वीकार्यता वहा भी नहीं बन पायी ।लेकिन हां आम में भी खास बनने की हिम्मत में इजाफे के नजरिये से इसे न देखना बेमानी होगी ।
अब आप ही बताएँ अरविन्द जी का आम आदमी कौन है ?करोडो की धन उगाही शुरू है ,।बदलाव जरुरी है ,लेकिन क्या यही ।अगर यही उनका आम है तो आम कहाँ जायेगा?डर है देवानंद ने एक पार्टी बनाई थी ,,इंडियन नेशनल पार्टी,,उसमे विजयलक्ष्मी पंडित को साथ भी जोड़ा था .........
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