भारतीय विकास की आंधी में अगर सबसे अधिक किसी को झटका लगा तो वो है गाँधी का चरखा ,,,सबसे ज्यादा चरमराय़ी तो ये स्वावलंबी बनाने वाली मशीन जिसे भारतीय जन मानस ने सिर्फ लकड़ी के औजार ,तकुये और सूत तक सीमित करके देखा ,,,,आज सब कुछ है निःसंदेह लेकिन स्वावलंबन नहीं है ,चरखा एक जीवन पद्धति है जो आपको अमेरिका नहीं देता लेकिन अमेरिका जरुरत भी नहीं होने देता ।
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