शनिवार, 9 अप्रैल 2011

अन्ना के आन्दोलन को आख़िरकार बाजारू लोगों ने बाजार दे ही दिया

निश्चय ही लोकपाल विधेयक भ्रष्टाचारियों के गले की फांस तो साबित होगा जिसका श्रेय पूरी तरह से अकेले तिहत्तर बरस के नौजवान अन्ना हजारे को जायेगा। आजादी के बाद देश में यूतो कोई आन्दोलन हुए नहीं ,लेकिन अगर बहुत कड़ी से आकलन न किया जाय तो जेपी आन्दोलन ही एक आजादी केबाद का ऐसा आन्दोलन रहा है जिसे आन्दोलन कहा जा सकता है। बाकि आन्दोलन की स्थितियां तो हमेशा इस देश में रही हैं लेकिन जनता हर स्थिति से ताल-मेल बैठा लेती है लेकिन सड़क पर उतरने को तैयार नहीं होती। जेपी आन्दोलन एक जनांदोलन था जिसमे जनता आगे आई फलतः इंदिरा गाँधी जैसी शासिका को भी बनारस के राजनारायण जैसे फक्कड़ नेता के सामने एक न चली थी और मुह की खानी पड़ी थी। राजनारायण न तो पूजीपति थे न ही अपराधी थे हाँ एक फक्कड़ थे जिसका आज के परिवेश में जीवित होना जरूरी था। अगर राजनारायण जीवित होते तो पूरे देश की तो नहीं कह सकता लेकिन कम से कम बनारस जैसे बुध्ह्जीविओं के शहर में जेल से दहाड़े मारने वाले लोगों की मंशा शायद यहाँ से चुनाव लड़ने कभी न पूरी हो पाती। राजनारायण वो निडर व्यक्तित्व था जो एक छड़ी लेकर जेल के अन्दर ही ऐसे लोगों का शपथ ग्रहण भी करा देता।
इसके बाद अगर छोटे ही सही लेकिन थोड़े स्वस्थ्य आन्दोलन की हम बात करे तो शायद अन्ना का लोकपाल आन्दोलन ही कतार में होगा। लेकिन क्षोभ की अन्ना के आन्दोलन को भी जनता का नहीं बल्कि चंद बाजरुओं का समर्थन मिला । चाहे वो नाचने वालों का महकमा हो या फिर तथाकथित स्वास्थ्य गुरू रामदेव का सभी कही न कही से अपने आप में एक बाजार हैं। शिक्षा क्षेत्र से जुड़े कुछ लोग जो कभी बनारस को सुलाते-जगाते हैं तो कभी आधुनिकता का नंगा नाच विद्यालय परिसर में छात्र-छात्रों से करा महंगा और घटिया बाजार शिक्षा को देने वाले लोग जो सिर्फ और सिर्फ शिक्षा को दिखावे-भुलावे और लूट -खसोट की विषयवस्तु बना डाले हैं उन्होंने भ्रष्टाचार भागने की मुहीम में भी ढोल बजन शुरू कर दिया जिससे पता चले की ये लोग भी बड़े समाज सुधारकों की श्रेणी में आते हैं। भ्रष्टाचार की शुरुआत इन्ही से होती है अगर इन लोगों के जीवन कृति को ईमानदारी से खंगाला जाय तो जो कहानी सामने आएगी उससे भ्रष्टाचार खुद-बखुद शरमा कर भारत हमेशा -हमेशा के लिए छोड़ने की कषम खा लेगी। और अन्ना का असली सहयोग होगा उन्हें भूखे मारने की कषम नहीं खानी होगी।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें