रविवार, 17 मार्च 2013

मटरू बड़बडाये जा रहे थे ,,,इ साला चाहे जेकर सरकार आवे ले हजारो लाखों में भर्ती निकाले न सब के सब ,लेकिन इम्मे बहाली केकर होल इ समझना बड़ा कठिन हौ ,,,स्थिति जस क तस ,,,अपने रामनाम गुरु काहे माने ,,कुल सवाल क जवाब  हम देब तोहके मटरू ,तू हवा बक,,, ऐसही चिल्लाला,,,,देखा हमरे देश में पैसा क आगम त रही न ई गयल ,,उप्पर से लेपटोप बातेके होउ ,बेरोजगारी भत्ता देवे के हाउ ,बृद्धा पेंशन देवे के हाउ ,विधवा पेंशन देवे के हाउ ,कन्या विद्याधन देवे के हाउ ,,केहू एसपी डी एसपी लडल ,भिडल टी ओके अशर्फी बाते के हाउ ,,टी आई कहा से ,,अब निकल दा झौवा भर के बहाली ,,इ कशम खा के की कुछ होए ना देवे के हाउ ,,सबके देदा छूट की एक आदमी कई जगह से फरमवा भर सकला ,,,बस अब का इ भारत हाउ ,एक एक जाने कर्ज ले ले के बीस बीस हजार रुपया तक क फारम भरिहे ,,सरकार केतना के खैरात बाटी ,,,सब चंगा ,,,,हां अपने ही एक आदमी के लगाय के इलाहाबाद के न्याय घरवा में एक थे केश थोक्वा देवे के हाउ ,सब बहाली रुक जाई ,,,,,,रे लगे न फिटकिरी माल चोखा ,,,,,,,,,मटरू उलट गए ,,,तूत ज्ञाने खोल देहला ये रामनाम पंडित,,,,,,

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