सोमवार, 20 अप्रैल 2020

रामनाम गुरु सबेरवे ललकारे जा रहे थे,,,
महीनन से गोबर बिलबिलात हौ,,आज कबड़िया बो के बोल के आयल हई,, अत्त्वार के कुल पथवाईब।
तब ले सुदमवा चिल्लाया अरे अतवार के करफू ह हो रामनाम,,इतने में गुरु क पारा गरम।
सुन सुन तै चियवां के चेला हउवे न,,कह दे आपन परधानी अपने पल्ले रक्खे,,वहरे नकियाय औ वोहर चिचियाय,, आन के आटा आन क घी,भोग लगावे बाबा जी।। कहि दिहे जाइके रामनाम कहत रहले,, बजारी में सड़क साफ करावे इहवाँ त रामनाम क गोबर पथाई के रही।
तब ले सुदमवा गुरु के ऊपर छिक के भाग गया। रामनाम डंडा लेके दौड़ाए,,धत्त तेरे करफू के।।

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