मंगलवार, 22 फ़रवरी 2011
दूरस्थ शिक्षा के छात्रों के साथ ही भेद -भाव क्यों
काशी हिन्दू विश्व विद्यालय निश्चय ही एक अग्रणी शिक्षण संस्थान जोकि देश ही नहीं विदेशों में भी ख्यातिलब्ध है का दूरस्थ शिक्षा के बच्चों को कानून की पढाई में अपने यहाँ न प्रवेश देने का निर्णय एक दम हजम नहीं होता। एक तरफ चिल्ला-चिल्ला कर कहा जाता है की यूजीसी के हर मानक के अनुरूप दूरस्थ शिक्षा पद्धति है तो फिर बीएचयू असी मन मानी क्यों कर रहा है और इस पर अब तक देश के शैक्षणिक नीति-नियंताओं का विश्लेषण क्यों नही आ रहा है। या ये मान लिया जाय की लोग इससे सहमत हैं और छात्रों को मूर्ख बनाने के लिए सिर्फ उन्हें बरगलाया जाता है और सभी लोग उनके प्रति भेद-भाव रखते ही हैं। एक तरफ पूरी दुनियां चिल्ला कर ये कहने में अपने को गौरवान्वित महसूस कर रहा है कि दूरस्थ शिक्षा सबसे बड़ी शिक्षा प्रणाली के रूप में विकसित हो चुकी है तो दूसरी तरफ ऐसा क्यों । अतः छात्र भावना और देश कि एकता और अखंडता को दिमाग में रखते हुए तत्काल इस नियम को वापस लिया जाना चाहिए।
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