हम लोग अजब देश के गजब निवासी हैं ,जहाँ आये दिन कोई न कोई भावनाओं के कंधे पर चढ़ गोता लगाने को कतारबद्ध होता है।आज सुबह सुबह आँख खुलते ही अख़बार की सबसे बड़ी खबर दिखी की कमल हसन साहब देश छोड़ के चले जायेंगे ,बिना आँख मीजे की साफ़ दिखने लगा ,आगे कारण पढ़ा तो उनकी सिनेमा यदि रिलीज नहीं होती है तो ,,,।पता नहीं उनकी सिनेमा में ऐसा क्या है की सेंसर बोर्ड ने रोक लगाई है ,एक से बढ़ कर एक सिनेमा आ रही है ,बड़े शान से बोल्ड सीन और आइटम सांग परोसे जा रहे हैं ,सेंसर बोर्ड स्वागत कर रहा है ,कभी कभी लगता है की सेंसर बोर्ड में जो अधिपत्य में हैं वे कपडे की सभ्यता में विश्वास नहीं रखते। जनता की जुबान भी मसालेदार हुई है ,ऐसे में कमल हसन साहब की सिनेमा पर रोक हाजमा तो सही नहीं रख पा रही है।अगर उसे धर्म विशेष से जुड़े किसी तथ्य के वजह से रोका जा रहा है तो भी ऐसी बहुतायत सिनेमा आयी हैं जिसमे हमारे धर्मों और संस्कारों की धज्जियाँ उडाई गयी है,फिर ये रोक सिर्फ कमल साहब के सिनेमा के लिए ही क्यो ? लेकिन इस पर कमल साहब का ये बयां की अगर उनकी सिनेमा रिलीज नहीं हुई तो वह देश छोड़ देंगे ,,,की भी मैं तारीफ नहीं कर सकता।कला का सम्मान होना चाहिए ,लेकिन कलाकार के देश छोड़ने की धमकी पर कत्तई नहीं।ऐसे हर किसी शख्श को जिसको भरत की माटी से ज्यादा अपने व्यवसाय और पूँजी का ख़याल है ,उसके शर्तों पर देश चले ,ये कदापि देश सगत नहीं है।
वो बात अलग है की अब उनकी सिनेमा रिलीज भी होगी और उन्हें दर्शकों की भीड़ भी मिलेगी ,उनका सब सोना सोना होगा ,लेकिन देश का ,,,देश की भावनाओं का ,देश के उन कला प्रेमियों का ,,,,,क्या कलाकार सिर्फ देश छोड़ने की धमकियों से जीवित रखेगा अपने को,,,,