गुरुवार, 12 अगस्त 2010

आजकल राजनीतिज्ञों को बड़े आर्थिक घोटालों का अवसर नहीं मिल रहा है क्या भाई?

आजकल अखबार पढने में मजा नहीं आ रहा था ,कारण कि कोई बड़े घोटाले कि खबर नहीं मिल रही थी। बड़े दिनों के बाद तो थोडा सा कामन वेल्थ में कुछ कलाकारों ने लम्बा हाथ मारने को कोशिश की,लगभग सफलता भी हाशिल हो गयी,भले मामला बीच में ही प्रकाश में आने से थोड़ी किरकिरी हो गयी। खैर हमारे यहाँ के लोग न जाने किस मित्त्ती के बने हुए है,इनको इस सब से भय भी नहीं है। भय भी हो क्यों,अब तक के भारतीय इतिहास में जितने बड़े घोटालेबाज हुए उनका कोई कुछ बिगाड़ नहीं पाया ,और पकड़ में आने के बाद तो गजब का विकास होता है उनके व्यक्तित्व और राजनीति दोनों में। अब माननीय लालू जी का ही ले लीजिये,चारा घोटाला क्या घोटे की देश उनका मुरीद हो गया .लगातार मुख्यमंत्री बनते रहे फिर रेल मंत्री रहे,अब क्या पूछना,क्या कर लोगे भाई । सुखराम बाबा घोट के स्वर्ग को प्राप्त हो गए लेकिन आज भी उनका नाम स्वर्णाक्षरों में बेचा जाता है। तमिल हिरोइन ,फिर मुख्यमंत्री जयललिता इतनी खाई की शरीर धो पाना मुश्किल हो गया.क्या हो गया इन सारे लोगों को ,ऐसा तो नहीं किइन्हें कोई सजा दे सकता है। फिर रही बात कोर्ट कि तो ये क्या इनकी पहुच से बाहर है,तो सुरेश कलमाडी और शरद पवार को भी चिंता करने कि जरोरत नहीं है,अरे भाई आज कि पतझड़ ही तो कल बसंत लाएगी.

1 टिप्पणी:

  1. ek lekhak patrhar ho Ganeshji kisi bhi halat me chor,ouchakkon,ghotalebazon ki tafrif nahi karni chahiye , manoranjak khabr likne ke chakkar me kabhi aap jaise lekhak ho yeh nahi kahna chahiye ki yeh neta-ghotale wale popular hue .. yeh neeh kutte kameene hai jinhe janta ne nakar diya ..jaise lalu har gye,jai lalita karonanidhi se hari ...,jab bhi aap inka nam le to gali srhree ke jagah par zaroor lagayen ..Dhanyawad -Uma Pati

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