सोमवार, 10 जनवरी 2011

अपने अस्तित्व को भूलते आज के नेता

कल यानि १० जनवरी को कांग्रेसी नवसिखुआ राहुल गाँधी काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में अपने भाषण में बोले कि देश को गाड -फादर की संस्कृति से उबरना है। जरा राहुल जी बताये की वे किस संस्कृति की उपज हैं। गाड-फादर की संस्कृति के असली मुखिया परिवार के संतान के रूप में राष्ट्र को कपार पर ढोने का नाटक करने वाले किस मुंह से कह ऐसी बात निकाल रहे हैं। ऐसी बाते आपकी बचकानी दुकान को और बड़ा करती हैं राहुल बाबू,अतः ऐसा सस्ती लोकप्रियता के चक्कर में वो भी बनारस जैसे शहर में नहीं बोलते ........

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