रविवार, 30 जनवरी 2011

गाँधी दुनियां के अतीत ही नहीं भविष्य भी

मोहनदास नाम के एक बालक का पोरबंदर में २ अक्टूबर १८६९ को जन्म लेना किसी अवतार से कम नहीं था। मोहनदास से महात्मा गाँधी तक की उनकी जीवन यात्रा महज एक यात्रा ही नहीं बल्कि एक जीवन पद्धति है,एक सन्देश है त्याग और तपस्या के नाम ,एक विचार है आधियों में दीपक जलाने का ,एक जिद है आसमान को जमीन पर लाने का ,एक अनुशासन है उन्नति का । स्वतंत्रता संग्राम की भी अगर नीतियों को खगाले तो मिलेगा कि एक तरफ गोली थी तो दूसरी तरफ बोली। गोली कितना प्रभाव जमा पायी कहना कठिन है लेकिन बोली ने उन अंग्रेजों को झुकने और भागने पर मजबूर कर दिया जिनके राज्य में कभी सूरज अस्त नहीं होता था जैसी अतिशयोक्तियाँ बकी जाती हैं। वर्तमान में गाँधी कि नीतियां अपने देश में ही धरासायी पड़ती जा रही हैं,खास कर के वो राजनैतिक पार्टी जो गाँधी का ही नाम ढ़ो आज भी जीवित है,सत्ता में काबिज है ,उन्हें भी गाँधी से परहेज होने लगा है।
आज गाँधी की पूजा दुनियां के हर कोने में एक अवतारी पुरुष के रूप में हो रही है लेकिन गाँधी के देश में आये दिन गाँधी कि प्रतिमाओं पर कालिख पोती जा रही है और देश मौन रहता । हर युवा गाँधी को दीन -हीन भाव से देखता नजर आ रहा है । बिना गाँधी के नाम काम और दर्शन को लिपटाए बिना आज भी एक पग हम चलने की हिम्मत नहीं रखते । अतः देर -सबेर गाँधी के विचारों से दुनियां चल सकती है ,कट्टा और बन्दूक से दुनियां नहीं चलने वाली है।
गाँधी अतीत ही नहीं भविष्य भी है ,इसका ख्याल जरूरी है यही इस महामानव को सच्ची श्रद्धांजलि होगी।

7 टिप्‍पणियां:

  1. sir kya aap ka isara kahin kangres per to nahi hai
    per kya sir gandhiji ke aadarsho per chalkar aaj
    ham is samaj me apni jiwika chala sakte hai...
    mujhe to kathin lagata hai...

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  2. It's very nice thinking sir..
    Aaj ke youngster aapne bapuji ko hi bhulte ja rahe hai... maine apne kanon se suna hai,, log unke vishay me bahut galat bolte hai aur aane wali pidhi ko bhi galat jankari dete hai..
    so jo bhi Gandhi ji ke vishay me galat bolte hi rahte hai..

    vaise mai chahta hun.. ki.. hamare bade 2 deshbhakt ko issi tarh Blogs,Social Networking,Buzz etc pat share kare aur sare country ko ek achi soch pradan kare...

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  3. yes sir,aap ki baat ek dum sahi hai,congress sirf duniya me apna naam bnane k liye satta me bani hue hai,ganghi ji k usuloo se use koi matlab nhi rah gya hai,agr aisa he chalta rha to kuch saalo baad to bapu ji ko humare desh me koi pehchanega bhi nhi,apna knowledge hum logo se share krne k liye thanx.

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  4. sir is desh ko in netao ne partyo ke jagde me desh ko barbad karne pe utre h ye log kuch smjte q n h desh ke prti prem rkho n ki party prti. jai hind.

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