सोमवार, 24 जनवरी 2011
अब वेश्यावृत्ति को सही ठहराने की मुहिम
जाने क्या हो गया भारतवर्ष की जनता को,यहाँ के तथाकथित बौध्हिक लोगों को ,जो ऐसे-ऐसे मांग सामने रखते हैं,जिसे शायद अगर उनको अपनी कीमत पर बनाने को कहा जाय तो सहमती नहीं होगी,ऐसा लगता है। फिल्मस्टार सुनील दत्त की बिटिया और सांसद प्रिय दत्त अब चाहती है की वेश्यावृत्ति को देश में पूरा अधिकार मिले । ये सच है की दुनियां में कितने ऐसे देश है जिनकी अर्थ व्यवस्था इस शारीरिक व्यवसाय पर आधारित है लेकिन इसका ये मतलब नहीं कि हम उसी रास्ते को अपना लें। एक ऐसा तपका जो शरीर व्यवसाय से अपनी आजीविका तलाशता है निश्चय ही उसे समाज बहुत अच्छी निगाह से नहीं देखता । इस लिए उनके प्रति संवेदना ठीक है ,उनके लिए वैसे भी नियम तो बने ही हुए है लेकिन इसको महिमा मंडित करने कि जरूरत शायद नहीं है क्योंकि ये एक मानसिक खतरा है,उस युवा समाज के लिए जो बेरोजगारी कि मार झेलते त्रस्त हो कही इसी को सबसे आसान रास्ता न समझ बैठे अन्यथा विश्वगुरु कहे जाने वाला भारत कही सबसे बड़ा वेश्यालय न बन जाय,ये कड़वा सच एक बड़ा खतरा है। जो लोग इनकी तरफ दारी कर रहे है ,अगर उनसे पूछा जाय कि अगर ऐसी स्थिति आपके अपने परिवार के किसी सदस्य के साथ आती है तो उसे आप क्या कहेंगे,क्योकि रील लाईफ और रीयल लाईफ में अंतर होता है। अपने परिवार को भी उदाहरन के तौर पर वो देख सकती हैं।
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bharat ki stathi ka sahi ankan kia hi aapne .yahi
जवाब देंहटाएंstathi rahi to airthvayastha me sudhar aane me samay nahi lagega .bharat vikas shil se vikshit ban jayega par khed is bat ka ki Bharat sabhayata ka janak nahi vayasata ka janak kahalayaga..........!!!!!!!!
aap thik kah rhe hai sir.insab baton ke alawa hume unlogo ko ye bhi samjhana chahiye ki BHARAT hamara desh hamsab use MATA mante hai. aur ye sab bate karke desh ko aur sarminda na kre
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