इस समय देश की युवा राजनीति का ठेका प्रजातान्त्रिक कांग्रेस के राजकुमार राहुल गाँधी ने ले रखा है,जिसकी सबसे बड़ी डिग्री है कि वे पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गाँधी के सुपुत्र हैं.वही पुराना चापलूसी भरा तर्क कि राहुल देश का प्रधानमंत्री होगा दांत दिखाते लोग पान कि दुकानों पर बकने लगे हैं. आनन-फानन में देश की मूढ़ जनता जिन्हें इन राजनीतिज्ञों ने "जनता सर्वोपरी है "कहकर खूब लूटा,जब चाहा तब और जैसे चाहा वैसे लूटा लेकिन ये तो लुटने के लिए ही बने हैं इनकी बुध्ही को दीमक जो लग गया है.आज देश का एक नौजवान नहीं बोलता की कांग्रेस क्या किसी के बाप दादे की विरासत हो गयी है क्या कि उसके युवराज होने लगे.हर बुजुर्ग घर में तो पंचायत कर -कर के जीना हरम कर देता है लेकिन उसने एक बार ये पूछने कि जरूरत समझी क्या कि आप २०१२ मिशन हाशिल कर ही लोगे तो देश को कौन सा लालीपाप फिर पकड़ोगे चूसने के लिए ,तो नहीं इसके लिए कभी आगे कोई नहीं आएगा,सिर्फ लम्बी-लम्बी बातें "वसुधैव कुटुम्बकम " का छालाऊ नारा खुद के देश के लिए तो बोलेंगे नहीं और सारी दुनिया इन्हीं कि है,रहने को घर नहीं सारा जहाँ हमारा।
एक आंधी चली कि अपने-अपने राजनीतिक पार्टी में जो जितने बड़े नचनिहें को जूता लेगा वो उतना बड़ा सत्ताधारी बनेगा,ये ऐसी होड़ मचाये कि भोजपुरी के निरहू भी चुनावों में स्टार प्रचारक हो गए तो राजनैतिक अभिलाषा पूरी करनी है राहुल भाई तो किसी हीरो पकड़ो न वैसे भी आपके पारिवारिक रिश्ते वाले हीरो-हीरोइन दुसरे खेमे में झांकी लगा रहें है ,उनको भी लेकर घूमना शुरू कर दीजिये क्योंकि जनता को नचनिहें बहुत पसंद हैं कल देश कि बागडोर रैम्प पर कैटवाक करती फिरेगी.
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