सोमवार, 14 जून 2010

बेचने वालों ने क्या-क्या नहीं बेच डाला

बम-बम बोल रहा है काशी और हर-हर महादेव का नारा कोई गरीब लगाएगा तो उसे जेल हो जाएगी जी हैं ,मजाक नहीं धनपशुओं ने बाबा विश्वनाथ को पेटेंट जो करा लिया .धन्य हो इस देश का यहाँ जितने भी बड़े मंदिर हैं,चाहे तिरुपति बालाजी ,या वैष्णव देवी ,चाहे मैहर देवी या विन्ध्याचल धाम ,चाहे काशी विश्वनाथ मंदिर ,वहां चढ़ने वाले चढ़ावे में आई रकम को ही अगर ईमानदारी से खर्च करदिया जाय तो ..... इन मंदिरों में इतने पैसे रोज आते हैं की बोरे में भर के रखे जाने की नौबत होती है लेकिन इसके वावजूद बाबा भोले के धर्षण के लिए मंदिर-प्रशासन और प्रशासन की मिली भगत से अलग -अलग समय पर या अलग-अलग कतारों में दर्शन करने के अलग-अलग धन भी टिकट के माध्यम से वसूले जायेंगे जसे मंगला आरती के लिए पाच सौ इत्यादि.यानि यहाँ भी सम रूपता नहीं रहने दिए ये महामानव लोग।
एक स्कूल के बच्चे को युनिफोर्म इस लिए पहनाया जाता है कि लोगों में वैचारिक विभिन्नता नहीं हो पाए और यहाँ खुलेआम गरीबी-अमीरी की खाईं को बाबा के माध्यम से चौड़ा किया जा रहा है ,बहुत सारे रास्ते थे कम से कम भगवान को तो ये लांचन न लगे .समझ में नहीं आता की ऐसी बाते लोगों के दिमाग में आती कैसे हैं और अगर आ ही गयी तो कश्मीर से कन्याकुमारी तक अपने त्रिकुंड की छटन भिखेर रहे बनारसी पंडितों क्या खनक छान रहे हो आप लोग या इसमें आप का भी हिस्सा तनी हो गया है ,रामदेव बोलते हैं तो इनके विरोध होते हैं लेकिन इतना बड़ा ह्रदय विदारक कदम उठा किसी की आत्मा नहीं दहली।
इस पर पुनर्विचार होना चाहिए अन्यथा लोगों की आस्था के साथ खिलवाड़ होगा और बनारस जैसे मस्तों के शहर के माथे पर लगे इस कलंक को धो पाना मुश्किल होगा।

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