गुरुवार, 16 दिसंबर 2010

देश को कंगाल बना रही कांग्रेस की नीतियां

आजादी के बाद देश की बागडोर ज्यादातर कांग्रेसी सरकारों के हाथ में रही है। महगाई और कोटेदारी,ठेकेदारी इनकी नीतियों में हैं। गरीब इनके एजेंडे के कभी हिस्से नहीं होते। और देश के गरीबों के नाम की अरबों खरब संपत्ति इनके अलमारियों की तो औकात नहीं की अपनी शोभा बढवा पाए लेकिन स्विटजरलैंड के बैंकों में वो पैसे बेनामी दिन झेलने को मजबूर होते हैं। इनके यहाँ जो जितना बड़ा ईमानदार छबि का होता है ,जब पोल खुलता है तो उतना बड़ा डकैत साबित होता है। बाबू जगजीवन राम भी सबसे इमानदार नेता के रूप में जगजाहिर थे,लेकिन बाद में इनकी रकम सुन कितनों के हृदयघात हो गए। पंडित सुखराम भी ऐसे ही टिकेदार ब्राम्हण थे संचार ही निगल गए।
आये दिन जन्जरूरत के चीजों का दम बढ़ानेवाले कांग्रेसियों का परिवार तो अधिकतर विदेशी आबोहवा में रहता है,उसे पेट्रोल और दाल की कीमत से क्या लेना देना । शरद पवार चिल्ला-चिल्ला के कह ही दिए की अनाज सदा देंगे लेकिन गरीबों को नहीं देंगे न ही सस्ता करेंगे,फिर भी कांग्रेस उन्हें सर आखों पर बैठाये हुई है,क्योंकि ये उसके टेस्ट के नेता हैं। ऐसे में हमारे प्रधानमंत्री जी निश्चय ही इमानदार छबि के है लेकिन क्या कहा जाय अगर गरीबों के लिए नहीं खड़े हो सकने की ताकत है तो अब उनको खाने की कमी कभी थोड़े ही रहेगी ,न ही उनको और प्रसिध्ही ही अब मिल सकती,वो इतने ऊचे पड़ाव पर पहुच चुके है,तो कुर्सी की लालच क्यों लगाये हुए है ,जाए राम -राम करे। या फिर मान लें की हर गड़बड़ी उनकी जानकारी में हो रहे है। देश के आईने में अपना प्रतिबिम्ब एक ईमानदार और उनके सरीखे विद्वान आदमी को नहीं खरब करना चाहिए ।

1 टिप्पणी:

  1. Ganesh ji , jyada din tak kisi ko satta milegi to haram ka kha kha ke mota jayegi , chahe NDA ho ya UPA janta ko chahiye ki badal badal ke in kameeno ko mauka de taki kam kameenapan kar sake.Loktantra ki do badi takte hoti hai ek janta aur doosra unka neta(mantri,santri,..etc).Dono ke haath me barabar baraber power rahe is ke liye yeh jaroori hai shakti ka vibhajan.Hamare desh me to aab bhartachar ek sanskriti ban chuki hai aue Ganeshji yeh jayegi nahi , sirf satta badal ka niyantrit ki ja sakti hai.Aaj kal kamjor vipaksh hone se ye haramipan charam seema par hai.

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