नया साल क्या आया मानो सारे लोग शिकायतों का पिटारा खोले सब कुछ सुना देने को तैयार हैं। अरे भाई इस देश में हमेशा से घोटाले होते रहते हैं,नेहरु से लेकर नरसिम्हा राव तक का घोटालिक इतिहास रहा तो फिर इस साल थोडा ज्यदा हो गया ,इसको चर्चेआम करने से बढ़िया है की इसका नाम तक न लिया जाय अन्यथा कही नए साल में भी ये घोटालेबाज गुरुगड़ कही इसको अपना महिमामंडन समझ बैठे तो फिर अगले क्या कई बरस होंगे लगातार इसके चौके-छक्के। इस लिए छोडिये हँसी-ख़ुशी करिए गत की विदाई और जोश से लबरेज हो आगत का स्वागत..........
नव वर्ष के नव प्रभात का नव भावाभिनंदन
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