कांग्रेस के तथाकथित मनबढ़ मंत्री शरद पवार गरीबों की गरीबी के नाम जहर उगले जा रहे हैं। गेहूं सडा देंगे ,चावल सडा देंगे लेकिन रेट कम नहीं करेंगे,गरीबों में नहीं बाटेंगे। एक तरफ उनकी मुखिया सोनियां जी चिल्ला रही है की संगठन के खिलाफ कोई मंत्री बोला तो उसे निकल फेकेंगी,तो क्या ये मान लिया जाय की शरद पवार संगठन से बाहर होने वाले है या कांग्रेस उनकी इस नीति से सहमत है। और अगर ये दोनों बाते नहीं है तो कांग्रेस पार्टी ऐसे हेक्ढे को क्यों झेल रही है ,राजनैतिक स्वार्थ ,और उनकी बम्बैया पूंछ सब ठीक है लेकिन इतना ये गर गिरेंगे तो अल्ला ही जाने इनकी गति क्या होगी।
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